विचारणीय

जब बहाये प्रवाह विचारों की, तो सोचो
क्या वो विचार हैं विचारणीय?

जब प्रहार हो मन पर, तो सोचो
क्या प्रत्युत्तर है सराहनीय?

जब सम्मान करे कोई आहत, तो सोचो
क्या मनुज है वो आदरणीय?

जो मित्रता टिकी हो संधियों पर, तो सोचो
क्या मित्र वो है विश्वसनीय?

"अखिल"

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