गुनाह मेरा है , वो गुनाह मैं तुमपर थोपता हूँ

सरकारों से भी क्या माहौल बदलती हैं,
नहीं सरकारों से बस सरोकार बदलते हैं

गंगा-जमुनी तहज़ीब बस मेरी बातों में है
वरना नफरत बटंती यहाँ खैरातों में है

"इनटोलेरेन्स" मेरा है जो मैं तुमपर थोपता हूँ,
गुनाह मेरा है , जो मैं तुमपर थोपता हूँ।

तुमने वर्षों भोगा है जिस नफरत को,
हमने तोड़ा है तेरे घर को जिस गफलत से,

उनका नीर निचोड़ जहर एक मकसद से,
उनकी सारी जिम्मेदारी, मैं तुमपर थोपता हूं।

"अखिल"

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