तो समझ लीजिये आपको कोई न कोई तो बरगला रहा है

अगर अजान या घंटियों की आवाज़ें आपको असह्य लगे,
तो समझ लीजिये आपको कोई न कोई तो बरगला रहा है।

अगर अपने पडोसी को बचाने में आपको हिचकिचाहट है,
तो समझ लीजिये आपको कोई न कोई तो बरगला रहा है।

गाय, कुत्ते, सूवर, बकरे पर आप वाद-विवाद कर रहे हैं,
तो समझ लीजिये आपको कोई न कोई तो बरगला रहा है।

इंसानियत से बड़ा मजहब अगर आपको कुछ और लग रहा है
तो समझ लीजिये आपको कोई न कोई तो बरगला रहा है।

इंसानों को मारने का हक़ आपको जायज़ लग रहा है,
तो समझ लीजिये आपको कोई न कोई तो बरगला रहा है।

हो सके तो बचिए इन गिद्धों से, क्यूंकि आपको लड़ाकर,
वो अपने, बस अपने भोज का इंतज़ाम कर रहा है।

"अखिल"

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